राम छतरी दर्शन

गुफा से कुछ दूर दक्षिण की और यह छतरी विद्यमान है। रामधाम निर्माण काल के आसपास ही इसे दूर से स्थान निर्देशार्थ बनाया गया था। पूर्व काल में जहां से यह छतरी दिख जाती थी वहीं से पदार्थी भक्तगण हो या वाहनगामी,  सभी जन दंडवत प्रणाम करते हुए गुरुधाम के दर्शन करते थे। विक्रम संवत २०३७ में वर्तमान खेड़ापा आचार्य चरण श्री 1008 श्री पुरुषोत्तम दास जी महाराज के पावन सानिध्य में जब राम धाम में "श्री राम नाम बैंक" का शुभारंभ किया गया उस समय परम श्रद्धेय श्री स्वामी जी रामसुखदास जी महाराज व अनेक संतों व भक्तों की उपस्थिति में इस छतरी के शिखर गुंबद में सवा करोड़ राम नाम की स्थापना कर दी गई । इस कारण अब यह छतरी मात्र स्थान निर्देशक स्थल न रहकर सवा करोड़ राम नाम का स्मारक बन गया है।  श्री दयालु गुफा के दर्शन करने हेतु आने वाले सभी दर्शनार्थी सबसे ऊपर बने इस पूज्य स्मारक के भी अवश्य दर्शन करते हैं व परिक्रमा, प्रणाम कर अपनी यात्रा सफल करते हैं । आज भी यह छतरी दूर से बहुत सुहावनी व मन-भावनी लगती है।  राष्ट्रीय राजमार्ग ६२ से इस छतरी के दर्शन कर भक्तगण राम धाम दर्शन करने का लाभ प्राप्त करते हैं । समयानुसार छतरी दर्शन के लिए दुर्गम पहाड़ी मार्ग को कुछ दिनों पूर्व ही अति सुगम कर दिया गया है।


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