पालका दर्शन

विक्रम संवत 1906 से समारब्ध यह ज्योत देशी घी से प्रज्वलित है।  कई वर्षों पूर्व मंदिर के उत्तर भाग में विक्रम संवत 2032 फाल्गुन शुक्ल 8 के दिन एक और अखंड ज्योति पथ अखंड दीप प्रारंभ किया गया है बड़ी ज्योत का प्रमुख व स्पष्ट दर्शन बड़ी परिक्रमा मार्ग से होता है।  इस तरह यहां रामधाम में दो स्थानों पर स्थित ज्योति के माध्यम से अखंड रूपेण देव यज्ञ (घृत का अखंड हवन) होता रहता है।  पिछले कई वर्षों से तो यहां की अखंड ज्योति अपनी पांचों ज्योति से अखंड रूपेण दिव्य प्रकाश प्रदान कर रही है।  


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